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खुशखबरी ! गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर इस दिन से शुरू हो जाएगा वाहनों का आवागमन

उत्तर प्रदेश के लिए एक और महत्वपूर्ण परियोजना, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, जल्द ही पूरी होने वाली है। लगभग 5876 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह एक्सप्रेसवे कई जिलों की दूरियां कम करेगा और आर्थिक विकास को तेज गति देगा।
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Gorakhpur Link Expressway

UP Expressway: उत्तर प्रदेश के लिए एक और महत्वपूर्ण परियोजना, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे, जल्द ही पूरी होने वाली है। लगभग 5876 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह एक्सप्रेसवे कई जिलों की दूरियां कम करेगा और आर्थिक विकास को तेज गति देगा।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे (Gorakhpur Link Expressway) 

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे (Gorakhpur Link Expressway Update) का निर्माण 5887 करोड़ रुपये की लागत से होना है। इस एक्सप्रेस वे (UP New Expressway) से गोरखपुर, संतकबीरनगर, आजमगढ़, बस्ती, सिद्धार्थनगर और लखनऊ की दूरी कम हो जाएगी।

महत्वपूर्ण जिले और गांव

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे जिले के जलालपुर तहसील क्षेत्र के सेहरे गांव से निकलता है और जलालपुर व आलापुर के कुल 37 गांव से होकर गुजरता है।

जलालपुर के गांव
खानपुर हुसैनाबाद
मसोढ़ा
दुल्हूपुर
चौदहपरास
महगीपुर
पर्वतपुर
खालिसपुर गोदाम
अजमलपुर
हाफिजपुर
नत्थूपुर खुर्द
नूरपुर कला
मुस्कराई
सबरगाह
महमूदपुर ओदरपुर
सेहरी
शाहपुर
अंबरपुर
शिवपाल
ढाका
आलापुर के गांव
जैनपुर
बभनपुरा
सुल्तानपुर तप्पा हवेली
डड़वा
मदैनिया
सिकरौरा
कम्हरिया
सदौली
अहिरौली रानीमऊ
खरुवइयां
शंकरपुर तप्पा हवेली
चोरमरा कमाल
फुलवरिया
नसरुद्दीनपट्टी
टड़वा जलाल
तेंदुआई कला
तेंदुआई खुर्द

व्यापार और उद्योग

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे से गोरखपुर, संतकबीरनगर, आजमगढ़ और बस्ती के व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। विशेष रूप से संतकबीरनगर के कपड़ा उद्योग और टांडा कपड़ा उद्योग को व्यापक लाभ मिलेगा।

यात्रा में आसानी

इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से लखनऊ, गोरखपुर और नेपाल की यात्रा आसान हो जाएगी। इससे समय की बचत होगी और यात्री आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे उत्तर प्रदेश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इससे न केवल यात्रा की दूरी कम होगी, बल्कि आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह परियोजना प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जुलाई 2024 के अंतिम सप्ताह तक इस एक्सप्रेसवे पर वाहन फर्राटा भरने लगेंगे, जिससे प्रदेश की आर्थिक वृद्धि को एक नई दिशा मिलेगी।